ढूंढारी गीत

संगीत बणाबो कांई छ।

लोगबागां बेई धरमसास्तर कअ आधार प गीत होबो एक अस्यो तरिको छ जीसूं लोगबागां का मन म परमेसर का बचनां को भण्डारण करयो जा सकअ छ। अर ईकी लार ईं पुरा मन सुं ऊंकी आराधना करी जा सकअ छ। रितीरिवाजां (संस्कृति) क जस्यान बडिया संगीत को तरिको काम म लेतां हुया टोळी का लोगबागां को अस्यान विकास करबो जिंसूं क वे अपणा मन की बोली मं धरमसास्तर का गीत तियार कर सकअ। टोळी का बडाबुढां न अर खुद का रितिरिवाजां (संस्कृति) पअ सबसूं मलर अपणी बोली मं गीतां बेई व ईंका परभाव बैई अपणा दरसण न देखणू चाईजै। म्हकी अछ्या छ क यां सबळा समुदाय का लोगां न अगुवाई देव क वानअ न्यारा न्यारा तरिका सूं सखायो जाव ताकि वे कवि बणअ, गीत लिखबाळा बणअ, गीत तियार करबाळा बणअ, गाबाळा बणअ, धुन तियार करबाळा बणअ। या ई बात न बतावलो क सई तरिका सूं कलिसिया मं परभू ईसु की आराधना करबा बेई अपणा अलाका का गीत गाया जाव। आराधना खुद का बदलाव की और लेर जाव छ। जिंसूं कलिसिया लोगां न परभावित करती हुई आगअ बढअ छ। आपां यो सपनों देखां क सबळी कलिसिया अर भासा समुदाई(झुण्ड) ईसु की आराधना करबा बेई धरम सास्तर क अनुसार गीतां को विकास करबा बेई खुद न तियार करअ। 
मै च्यार दन को पऱिक्सण राखां छां। अक्सर यो मै ऊण्ड ई राखां छां जण्‍डअ समुदाय रेव छ। कारयसाला लोगां की साईत करअ छ जिसूं खुद की जाति का गीतां को आदर करबा बेई लोगां का मनां को विकास करयो जा सकअ। यो ईंमअ भागलेबाळां की साईता करअ छ जिसूं वे समझ सकअ क धरम सास्तर प आधरित गीत अपणा लोगां प क्सयान परभाव डाल सकअ छ। खास तोरसूं परबू का ज्ञान मं बढबा बेई लोगां न्अ साईता मलअ छ। भाग लेबाऴां न तियार करयो जाव छ जीसूं वे संस्करतिक रूप सूं नया तरिका सूं अपणी बोली बासा न काम मं लैतां होया धरम सास्तर पअ आधरित गीत लिख सकअ। गीतां की बाइबल क अनुसार बारिकी सूं वांकी जांच करबो अर गीतां न रिकाड करबो सिखबो अर फेर न्यारा न्यारा मिडिया का तरिका सूं वांनअ बांटबा बेई बी वांनअ तियार करयो जाव छ। सीखबाळा मनख अपणा लोगां उण्डा की परिसतिथयां का हिसाब सूं वांमअ जांच करअ छ। पाठ खतम होबा क पाछ व खुद का रिति रिवाजा (संस्कृति) क बारा मं ज्ञान पार वे आगअ बी कुछ जाणबा की अच्छया की लार जाव छ। 

 

बांटबो